Laylatul Qadr किसे कहते हैं? जानें इसकी 3 निशानियां

रमज़ान खत्म होने वाले हैं और इस वक्त लैलतुल-कद्र की रातों चल रही हैं। ऐसे में हमारे लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर लैलतुल-कद्र किसे कहते हैं और इसकी फज़ीलत क्या है

Lailatul qadr ki dua in hindi with translation

रमज़ान के आखिरी दिनों में लैलतुल-कद्र की रात आती है, जिसमें सभी मुसलमान अपने गुनाहों की माफी मांगता है। कुरान के मुताबिक यह रात 1000 रातों से बेहतर है। कहा जाता है कि इस रात अल्लाह अपने बंदों से मिलने, उनकी दुआएं सुनने के लिए सातवें आसमान से पहले आसमान पर आ जाते हैं। यह वजह है कि हर मुस्लमान पूरा रात जगकर इबादत करता है।

हालांकि, कुरान में 5 रातों का उल्लेख किया गया है, जिसे 21वीं शब, 23वीं शब, 25वीं शब, 27वीं शब और 29वीं शब आदि। मगर इस बात का उल्लेख नहीं किया गया है कि इन रातों में से कौन-सी रात शब-ए-कद्र की है। अगर आप भी लैलतुल कद्र के बारे में अच्छे से जानना चाहते हैं, तो आज हम आपको लैलतुल कद्र की पूरी जानकारी देंगे।

इस आर्टिकल में आपको शब-ए-कद्र क्या है? शब-ए-कद्र की दुआ, शब-ए-कद्र की निशानियां आदि की पूरी जानकारी मिल जाएगी।

लैलतुल-कद्र किसे कहते हैं?

lailatul qadr

 

यह रात रमज़ान के आखिरी हिस्सों में आती है। इस दिन जिब्रील अलैहिस्सलाम के द्वारा क़ुरान शरीफ की आयत प्यारे पैगंबर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर नाजिल हुई थी। इसलिए इस रात को शब-ए-कद्र भी कहा जाता है।

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इस दिन जमीन पर इतने फरिश्ते उतरते हैं की पूरी कायनात फरिश्तों से भर जाती है और वो रोज़दार की हर दुआ पर ‘कुबूल है’ कहते हैं। हालांकि, कुरान शरीफ में आखिरी पांच रात ( 21, 23, 25, 27, 29) में से किसी एक रात में लैलतुल कद्र की रात का बयान किया गया है।

लैलतुल-कद्र की दुआ और मायने

laylatul qadr

 

कुरान में जिक्र मिलता है कि शब-ए-कद्र के दिन कुरान की तिलावत करनी चाहिए और अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए। मगर हुजूर पाक ने एक दुआ बताई है, जिसकी कसरत से तिलावत करनी चाहिए। वो दुआ क्या है आइए जानते हैं। (जानें हिजाब के इतिहास के बारे में)

लैलतुल-कद्र की दुआ हिंदी में-

अल्लाहुम्मा इन्नाका अफुवुन तुहिब्बुल अफवा फाफु अन्नी

लैलतुल-कद्र की दुआ अंग्रेजी में

अल्लाहुम्मा इन्नाका अफुवुन तुहिब्बुल अफवा फाफु अन्नी

इस दुआ का मतलब होता है कि ए अल्लाह आप माफ करने वाला है। तू माफ करना पसंद करता है बस तू मुझे माफ कर दे।

लैलतुल-कद्र की निशानियां

laylatul qadr

 

कुरान में लैलतुल-कद्र की रात कब है स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया है, लेकिन कुछ निशानियां है जिनकी मदद से लैलतुल-कद्र की पहचान की जा सकती है। तो आइए जानते हैं इस रात के बारे में-

  • इस रात ना तो ज्यादा ठंड होगी और न ही ज्यादा गर्मी होगी। मतलब मौसम बिल्कुल खुशगवार होगा। वर्ना रहमत की बारिश भी हो सकती है। (आखिर क्यों बनाई जाती है शब-ए-कद्र?)
  • इस दिन की सुबह सूरज की रोशनी तेज नहीं होगी और न ही आंखों में लगने वाली होगी। आपको धूप में सुकून मिलेगा और सूरज बिल्कुल चांद जैसा लगेगा।
  • इस रात सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी बहुत शांत रहते हैं। कहा जाता है कि इन दिन कुत्ते के भौंकने की आवाज नहीं आती क्योंकि तमाम फरिश्ते जमीन पर आ जाते हैं।

हमें उम्मीद है कि आपको ये तमाम जानकारी समझ में आ गई होगी। अगर आपको कोई और दुआ पूछनी है, तो हमें नीचे कमेंट करके बताएं।

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